भरभराकर
जब गिरी आंकड़ों की दीवारें
सच्चाईयां जाने क्यूँ
खामोश हो गयीं
लोगों के दर्द और तकलीफ का
मानवीकरण तो न हुआ
लेकिन लोग और उनकी भावनाएं
जरुर नंबरों में बदल गए
जब गिरी आंकड़ों की दीवारें
सच्चाईयां जाने क्यूँ
खामोश हो गयीं
लोगों के दर्द और तकलीफ का
मानवीकरण तो न हुआ
लेकिन लोग और उनकी भावनाएं
जरुर नंबरों में बदल गए
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